- मधुबन तहसील के सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित हनुमान मंदिर और कठघरा शंकर दुर्गा मंदिर पर उमड़ रही भारी भीड़
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सिपाह इब्राहिमाबाद (मऊ)। धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व के लिए विख्यात देवालय जब सामाजिक दायित्व निभाने लगें, तो उनकी लोकप्रियता और लोगों की आस्था का बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसा ही नजारा जनपद मऊ के मधुबन तहसील में देखने को मिल रहा है। यहाँ सिपाह इब्राहिमाबाद स्थित हनुमान मंदिर और कठघरा शंकर दुर्गा मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना का केंद्र नहीं हैं, बल्कि वैवाहिक संबंधों की बातचीत और सहमति के लिए भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, इन मंदिरों में शादी से पहले दोनों पक्षों की बैठकें आयोजित की जाती हैं, जहाँ विवाह से जुड़े पहलुओं पर चर्चा होती है। इससे मंदिरों की महत्ता और भी बढ़ गई है।
मंदिरों का बढ़ता सामाजिक प्रभाव
इन मंदिरों की स्थापना के समय से ही क्षेत्रीय जनता के बीच गहरी श्रद्धा और भक्ति देखी गई है। लेकिन जब से ये वैवाहिक चर्चाओं का केंद्र बने हैं, तब से इन्हें समाज के हर वर्ग का समर्थन मिलने लगा है। खासतौर से निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए ये मंदिर विवाह संबंधी बातचीत के लिए एक आदर्श स्थान साबित हो रहे हैं।
परिवारों के लिए राहत
महंगे होटल या आलीशान स्थानों पर चर्चा करने में असमर्थ परिवारों के लिए मंदिर और धर्मशाला जैसी जगहें बेहद राहत भरी साबित हो रही हैं। यहाँ तक कि कुछ ऐसे परिवार, जो अपनी परंपरागत संस्कृति से दूर हो रहे थे, वे भी इन मंदिरों की भूमिका को सराहने लगे हैं।
भविष्य की योजनाएँ
मंदिर प्रबंधन के अनुसार, इन आयोजनों से मंदिर की भूमिका समाज में और मजबूत हुई है। इसके चलते मंदिर प्रशासन ने भविष्य में जन सुविधाओं में और वृद्धि करने की योजनाएँ बनानी शुरू कर दी हैं।
इन दोनों मंदिरों का यह अनूठा पहलू न सिर्फ क्षेत्रीय जनमानस के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि धार्मिक स्थल सिर्फ आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी बन सकते हैं।