स्मार्ट मीटर बना आफत मीटर, शिकायतों का लगा अंबार, समाधान के लिए लगा कैम्प.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में  बिजली का स्मार्ट  मीटर सरकार के लिए  आफत बन गई है. विपक्ष स्मार्ट मीटर को चीटर मीटर का नाम दिया है.स्मार्ट मीटर को विपक्ष तो मुद्दा बना ही रहा है साथ ही सत्ताधारी दल से जुड़े नेता भी इसको लेकर सवाल उठा रहे हैं.आनंद मोहन का मन्ना है कि इसको लेकर जनता में आक्रोश है.अब सरकार संशय दूर करने के लिए और  बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगा रही है. 9 से 14 दिसंबर तक चले इन कैंपों में कुल 15,432 शिकायतों का निपटारा किया गया. इनमें मीटर, बिलिंग और नए कनेक्शन से जुड़ी समस्याएं प्रमुख थीं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर भी लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं.

  

बिहार में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के संशय और  परेशानियों को दूर करने के लिए राज्य भर की पंचायतों में विशेष शिविर लगाकर लोगों की बिजली संबंधी समस्याओं को सुना गया और उनका समाधान किया गया. ये शिविर 9 दिसंबर से शुरू होकर 14 दिसंबर तक चले. इस दौरान कुल 15,432 शिकायतें दर्ज की गईं और उनका मौके पर ही निपटारा किया गया.इन शिविरों में सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली के मीटर से जुड़ी हुई थीं. पुराने मीटरों के साथ-साथ नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर से भी लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. कई लोगों ने बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत भी की. नए कनेक्शन लेने में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि इन कैंपों का मकसद उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करना था.


दक्षिण बिहार में कुल 8,609 शिकायतें आईं. इनमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी 1,909, बिलिंग से जुड़ी 2,484, मीटर से जुड़ी 1,928, नए कनेक्शन से जुड़ी 1,488 और अन्य 1,421 शिकायतें शामिल थीं. उत्तर बिहार में कुल 6,823 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी 1,338, बिलिंग से जुड़ी 2,538, मीटर से जुड़ी 778, नए कनेक्शन से जुड़ी 1,356 और अन्य 813 शिकायतें शामिल थीं.स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां थीं, जिन्हें इन कैंपों के माध्यम से दूर किया गया.

इन शिविरों का आयोजन साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) ने मिलकर किया था. हर पंचायत में लगे इन कैंपों में कनीय विद्युत अभियंता (आपूर्ति), कनीय विद्युत अभियंता (राजस्व) और सहायक सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक मौजूद रहे. इससे लोगों को अपनी समस्याएं बताने और उनका समाधान पाने में काफी मदद मिली. पंकज कुमार पाल ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए इस तरह के कैंप आगे भी लगाए जाएंगे.

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