सिटी पोस्ट लाइव : आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ अवैध धन शोधन के मामले में जांच कर रही ईडी ने चार्जशीट दायर कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने 20 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है. विशेष न्यायाधीश सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में ईडी ने इन पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है.ईडी ने यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में अभियुक्त संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव के अलावा शादाब खान, प्रवीण चंद्र और पुष्पराज बजाज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं में दाखिल किया है.
ईडी ने बक्से में बंद मोबाइल, लैपटॉप और जांच के क्रम में जब्त किए गए दस्तावेज भी कोर्ट को सौंपा है. पूछताछ के दौरान अभियुक्तों से जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान भी सौंपे गए हैं.ईडी है. जांच के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया है.लगातार छापेमारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को आईएएस संजीव हंस व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए इनकी 23.72 करोड़ रुपये मूल्य की सात अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है.प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव हंस के खिलाफ इस वर्ष जुलाई महीने में पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करते हुए अपनी जांच प्रारंभ की थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने आईएएस संजीव हंस और उसके करीबी पुष्पराज, प्रवीण चौधरी की सात अलग-अलग संपत्तियों को जब्त कर लिया है.इन अचल संपत्तियों का मूल्य 23.72 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. ईडी ने जिस संपत्ति को जब्त किया है उसमें नागपुर में जमीन के तीन भूखंड, दिल्ली का एक फ्लैट, जयपुर के तीन फ्लैट शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों की माने तो संजीव हंस ने यह संपत्ति अपने करीबियों के साथ मिलकर आपराधिक गतिविधियों के जरिये अर्जित की थी. यह संपत्तियां प्रवीण चौधरी और पुष्पराज व इनके परिवारों के नाम पर हैं.गौरतलब है कि संजीव हंस कुछ समय पूर्व तक बिजली कंपनी के सीएमडी समेत उर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे. इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिजली कंपनी के ठीकेदारों के साथ सांठगांठ कर पूरे देश में अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की.