सिटी पोस्ट लाइव : 15 जनवरी से एनडीए के तमाम घटक दलों के नेताओं का सामूहिक दौरा शुरू होने वाला है, लेकिन उसके पहले अमित शाह ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के सवाल पर टालमटोल कर जेडीयू को सकते में डाल दिया है. अमित शाह ने कहा कि बिहार में में एनडीए के सीएम फेस का फैसला संसदीय बोर्ड और संबंधित दल लेंगे. यानी नीतीश कुमार ही सीएम फेस होंगे, यह तय नहीं है. दूसरी बात कही कि कोई लाख कोशिश करे, एनडीए एकजुट है.
शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ज्यादा सीटें लाकर बड़ी पार्टी बनी तो उसके सीएम बनाए गए. इसमें किसी को एतराज नहीं होना चाहिए. उनके इस बयान को लेकर राजनीति के जानकार बड़े मायने निकाल रहे हैं. उनके अनुसार बीजेपी अगर जेडीयू से बड़ा दल बनकर उभरा तो सीएम की कुर्सी पर दावा ठोक देगा. ये दीगर बात है कि 2020 में नीतीश कुमार एनडीए के बैनर तले ही चुनाव लड़े थे. बीजेपी एनडीए में अकेले 74 सीटें जीत कर अव्वल बनी फिर भी बीजेपी ने सिर्फ 43 सीटें जीतने वाले जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को सीएम बना दिया. विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी के नेता नीतीश सीएम बन गए. लेकिन आगे सीएम के चयन का क्या पैमाना होगा अमित शाह ने साफ़ संकेत दे दिया है.
अमित शाह ने साफ़ कर दिया है कि एनडीए को फिर सरकार बनाने का मौका मिला तो सीएम बड़ी पार्टी का ही बनेगा.अमित शाह के बयान के बाद सबके जेहन में ये सवाल कौंध रहा है कि क्या 2020 जैसी स्थिति आ गई तो नीतीश सीएम नहीं बनेंगे? नीतीश कुमार का अब तक जैसा मन-मिजाज रहा है, उसे देख कर तो नहीं लगता कि वे सीएम की कुर्सी छोड़ देगें. कुर्सी सुरक्षित रखने के लिए तो वे कभी एनडीए और कभी महागठबंधन में आवाजाही करते रहे हैं. कुर्सी बचाने के लिए ही वे तेजस्वी के नेतृत्व में 2025 में चुनाव लड़ने की बात कह कर पलट गए. जानकारों के अनुसार 2020 जैसी स्थिति रही, तब भी वे किंगमेकर बनने के बजाय किंग ही बनने की कोशिश करेंगे. उनके लिए सहूलियत है कि इंडिया ब्लाक भी हमेशा उनकी अगवानी के लिए पलक पांवड़े बिछाए रहता है. नीतीश कुमार के पास जब तेजस्वी यादव के साथ जाकर भी सरकार बनाने का आप्शन नहीं रहेगा तभी बीजेपी महाराष्ट्र जैसा खेल कर पायेगी.