सिटी पोस्ट लाइव : सुप्रीम कोर्ट ने रेपिस्टों को नपुंसक बनाने की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. ऐसा मना जा रहा है कि रेपिस्टों को नपुंसक बनाने और पोर्न विडियो को बैन करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला दे सकता है. एक जनहित याचिका पर एपेक्स कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. याचिका में यौन अपराधियों को नपुंसक बनाने की मांग के अलावा फ्री ऑनलाइन पोर्न मटेरियल्स पर बैन लगाने के लिए डायरेक्शन देने की अपील की गई है.
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता के नए विचार की सराहना कर अपने मनसूबे को साफ़ कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि याचिका में कई विचार बिल्कुल नया है. इस पर विचार करना चाहिए. बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग की हम सराहना करते हैं लेकिन जिन दिशानिर्देशों की मांग की गई है उसमें कई बर्बरतापूर्ण भी है. लेकिन हम आम महिलाओं को सड़कों से लेकर हर जगह सुरक्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने पर विचार करेंगे. महिलाएं, जोकि असुरक्षित और रोजमर्रा की जिंदगी में चुनौतियों का सामना कर रही हैं उनकी सुरक्षा खातिर दिशानिर्देश की आवश्यकता है.
याचिकाकर्ता के एडवोकेट महालक्ष्मी पावनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मांग किया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाया जाना चाहिए. इसके लिए कड़े दंड और कानून बनाया जाना चाहिए .उन्होंने मांग किया कि रेप जैसे यौन अपराधियों की सजा के रूप में केमिकल तरीके से नपुंसक बनाया जाए. पोर्न कंटेंट पर रोक लगायी जाए. याचिकाकर्ता, सीनियर एडवोकेट महालक्ष्मी पावनी, सुप्रीम कोर्ट महिला वकील एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं.