नेशनल लोक अदालत में 50,100 मामलों का किया गया निष्पादन

Rahul K
By Rahul K

सिटी पोस्ट लाइव
हजारीबाग :
झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के आलोक में शनिवार 14 दिसंबर को सिविल कोर्ट परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार के दिशा निर्देश पर आयोजित किया गया। साल का अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन पूरे देश भर में आज शनिवार को किया गया। हजारीबाग समेत पूरे देश भर में नेशनल लोक अदालत को लेकर लोगों में उत्साह है हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में सुबह से ही नेशनल लोक अदालत का लाभ लेने के लिए लाभुक पहुंचते रहे।

नेशनल लोक अदालत में सुलहनीय सभी अपराधिक मामले, सिविल प्रकृति के मामले, बिजली, बैंक, माप तौल, चेक बाउंस, वन विभाग, उत्पाद विभाग, मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिनियम के तहत लंबित मामले और कुटुंब न्यायालय से संबंधित मामलों का निष्पादन पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर किया गया। हरेक बेंच में एक न्यायिक पदाधिकारी, एक पैनल अधिवक्ता और संबंधित विभाग के कर्मचारी व पदाधिकारी के प्रतिनिधि मौजूद रहें। कुल 50100 मामलों का निष्पादन किया गया। जिसमें कुल 47 करोड़ 64 लाख 35 हजार 493 रुपए की राशि पर सहमति बनी।इस नेशनल लोक अदालत में कुल 54 हजार 168 मामलों को सुलह समझौता के लिए रखा गया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले आयोजित नेशनल लोक अदालत की अगुवाई प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने किया।

इस मौके पर कुटुंब न्यायाधीश मार्तण्ड प्रताप मिश्रा, श्रम न्यायाधीश दिनेश राय, हजारीबाग बार संघ अध्यक्ष राजकुमार, सचिव सुमन कुमार सिंह, सभी न्यायिक पदाधिकारी, वकील, संबंधित विभाग के पदाधिकारी और पक्षकार मौजूद थे। इस मौके पर प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने कहा कि मामलों के निष्पादन में लोक अदालत सबसे सुलभ माध्यम है। मामलों के लोक अदालत में निष्पादन के बाद कोई पक्षकार अपील में नहीं जा सकता है, इसलिए यह सबसे सटीक माध्यम है, इसे ज्यादा से ज्यादा अपनाने का प्रयास करें। कुटुंब न्यायाधीश ने भी लोक अदालत को सही प्रक्रिया बताते हुए इसे अपनाने की बात कही। बार संघ अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन काल में कोई मुकदमा अपने बच्चों के लिए छोड़कर नहीं जाना चाहिए। लोक अदालत मामलों के निष्पादन के लिए सबसे सरल माध्यम है। कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आनलाइन किया गया।

प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने कुटुंब न्यायाधीश मार्तण्ड प्रताप मिश्रा, हजारीबाग बार संघ अध्यक्ष राजकुमार, सभी न्यायिक पदाधिकारियों, प्रशासनिक पदाधिकारियों और बार संघ सदस्यों की उपस्थिति में लोक अदालत की विधिवत घोषणा की। इस दौरान बैंक रिकवरी के 353 मामले, सुलहनीय आपराधिक 375 मामले, बिजली के 372 मामले, भू-अर्जन के 800 मामले, श्रम विवाद से संबंधित 6 मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित 16 मामले, वैवाहिक विवाद से संबंधित 23 मामले, सिविल प्रकृति के 63 मामले, पानी बिल व अन्य टैक्स से संबंधित 217 मामले, चेक बाउंस के 105 मामले, वित से संबंधित 1392 मामले और अन्य 46 हजार 378 मामलों का निपटारा पक्षकारों की आपसी सहमति से किया गया।

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