सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नये डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य के 20 प्रतिशत थानों में महिला थानाध्यक्ष और एडिशनल थानाध्यक्ष पदस्थापित हैं. 900 थानों में महिला हेल्पडेस्क बनाए गए हैं. शनिवार को लिंग आधारित हिंसा विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि बिहार सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सभी जिलों में महिला थाना है, जहां महिलाएं खुलकर अपनी समस्याओं की चर्चा करती हैं.
कार्यक्रम के आयोजक नार्थ ईस्टर्न विश्वविद्यालय अमेरिका के प्रो. निशीथ प्रकाश ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी टीम ने बिहार के 12 जिलों में सर्वे किया और महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों का संज्ञान लिया. कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण प्राप्त पुलिसकर्मियों ने अपने साक्षात्कार में स्वीकार किया कि उनकी कार्यशैली में बदलाव आया है.प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि जब भी पीड़ित महिला थाने में आती है, तो पहले उसे बैठने के लिए कुर्सी दें. यदि संभव हो तो एक ग्लास पानी दें ताकि वह आराम से अपनी समस्या आपको बता सकें.
प्रशांत किशोर शाही ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां ग्राम पंचायत और नगर निकाय में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. महिलाओं के उत्थान के लिए समाज और सरकार को मिलकर प्रयास करने होंगे. आज सरकारी विद्यालयों में लड़का और लड़की की संख्या लगभग बराबर है, लेकिन निजी विद्यालयों में लड़कों की संख्या लड़कियों की तुलना में कहीं अधिक है. शून्य से पांच वर्ष के बच्चों की मृत्यु दर के मामले में लड़कियों की मृत्यु दर लड़कों की तुलना में लगभग दोगुनी है. यह लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता को उजागर करता है.