सिटी पोस्ट लाइव
पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ऐसा गहरा दांव चल दिया है जिससे उनकी पार्टी को सीटों के मामले में 2025 के विधानसभा चुनाव में बड़ा फ़ायदा हो सकता है। दरअसल, लालू को अच्छे से पता है कि बिहार में कांग्रेस का कोई बड़ा जनाधार नहीं बचा है, पर अल्पसंख्यक मतदाताओं पर कांग्रेस का अब भी असर है। ऐसे में अगर राजद और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ते हैं और कांग्रेस सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार देती हैं, तो इससे राजद को बड़ा नुकसान हो सकता है। अब दिक्कत यह है कि कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से भी राजद को नुकसान हो जाता है, क्योंकि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी होने की बात पर ज़ोर देकर अच्छी-खासी सीटें गठबंधन में ले लेती हैं, लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाते।
ऐसे में लालू का जो बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का सपना है, उस पर जोखिम मंडराने लगता है। अब अगर लालू की पार्टी कांग्रेस के साथ लड़ती है, तो नुकसान और अगर बिना कांग्रेस के अलग होकर चुनाव लड़ती है, तो भी वोटों के बंटवारे का नुकसान। इस इधर कुंआ, उधर खाई वाली हालत से बचने के लिए लालू ने आज बयान दे डाला कि इंडिया गठबंधन की कमान टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंप दी जानी चाहिए।
बता दें कि अभी हाल तक लालू यादव नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को दूल्हा बताते थे और उनके नेतृत्व की वकालत करते थे। फिर ऐसा क्या हुआ कि लालू ने अचानक ममता बनर्जी पर इतनी “ममता” दिखा दी। दरअसल, लालू चाहते हैं कि उनके बयान से कांग्रेस बैकफ़ुट पर आए और वे इसी बात को मुद्दा बनाकर कांग्रेस से डील कर लें कि राष्ट्रीय स्तर पर हम आपका और राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करेंगे, बिहार में आप हमारी बात मान कर हमें मज़बूत किए और कम ही सीटों पर चुनाव लड़िए।
जानकारों की मानें, तो इसी मकसद से लालू ने ममता बनर्जी को नेतृत्व देने की वकालत कर दी है। अब देखना यह है कि कांग्रेस इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। अभी तक कांग्रेस की तरफ़ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।