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पटना: बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने भूमि सर्वेक्षण के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया, तो उन्हें सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्होंने साफ़ कहा कि सुधर जाओ वरना सुधार देंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार सरकार जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर है और सरकारी काम में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के खिलाफ लगातार शिकायतों को देखते हुए 139 सीओ का वेतन रोक दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विधानसभा में यह भी जानकारी दी कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने जमीन सर्वे के लिए पंद्रह विकल्प दिए हैं, ताकि लोगों को कागजात में किसी तरह की समस्या न हो। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सर्वे का काम तभी पूरा होगा जब सभी कागजात उपलब्ध होंगे, ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो।
मंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सर्वेक्षण को बेहतर तरीके से करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई समस्या उत्पन्न न हो। इसके लिए 15 तरह की पहचान को मान्यता दी गई है, जिससे ऐसे लोग भी राहत पा सकेंगे जो कई वर्षों से कहीं और रह रहे हैं और उनके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं।
डॉ. जायसवाल ने आगे बताया कि विभाग ने तीन महीने तक लोगों को समय दिया है और सर्वे में किसी भी व्यक्ति को कोई कठिनाई नहीं हो, इसके लिए पूरी निगरानी रखी जा रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि भूमि विवाद राज्य में सबसे अधिक थानों में दर्ज मामलों में शामिल हैं, और सर्वे के माध्यम से पुलिस और अदालत का समय बचाया जा सकेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।
मंत्री ने बताया कि बिहार में 47 लाख परिवारों ने स्वेच्छा से अपने जमीन के कागजात विभाग को सौंपे हैं और जल्द ही उन कागजात को अपडेट किया जाएगा। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों से अपील की कि यदि कोई कर्मचारी काम के बदले रिश्वत मांगता है, तो उसकी शिकायत लिखित रूप से करें और विभाग 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई करेगा।
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