City Post Live
NEWS 24x7

तेजस्वी ने आरक्षण 85 फ़ीसदी करने को नीतीश को दिया यह फ़ार्मूला

हम सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार, बोले नेता प्रतिपक्ष

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

 

सिटी पोस्ट लाइव

पटना: बिहार विधान सभा में विपक्ष ने आज हंगामा किया और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संविधान दिवस के मौके पर नीतीश सरकार से आरक्षण के मुद्दे पर बड़ी मांग की। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने की अपील की और सरकार से इसे लागू करने की मांग की। उन्होंने नीतीश को इसका फ़ार्मूला भी दिया। तेजस्वी ने कहा कि सरकार तुरंत इस मामले में एक नया प्रस्ताव कैबिनेट में लाए और आरक्षण को 85 प्रतिशत तक बढ़ाए। हम सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कोर्ट ने आरक्षण के प्रावधान को निरस्त कर दिया है, तो सरकार को तुरंत एक समिति बनानी चाहिए, जो इस मामले की पूरी समीक्षा करे। इस समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर फिर से कैबिनेट में नया आरक्षण प्रस्ताव लाया जाए, जिसमें 85 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान हो। इस प्रस्ताव को सरकार जल्द से जल्द मंजूरी दे और केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजे कि इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार अगर चाहें, तो आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत भी कर सकते हैं, और 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का आरक्षण भी बरकरार रखा जा सकता है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि वे इस कदम का समर्थन करेंगे।

नीतीश कुमार पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन के बाद उनका रुख बदल गया है। जब नीतीश कुमार हमारे साथ थे तो आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने पहल की थी, लेकिन अब वे चुप हैं। तेजस्वी ने यह भी कहा कि अगर सरकार आरक्षित वर्ग के रोजगार के मुद्दे को लेकर चिंतित है, तो इस बिल को जल्द से जल्द पास करवा दिया जाएगा।

संविधान दिवस पर सरकार को घेरा

तेजस्वी ने आगे कहा कि आज संविधान दिवस है और इस मौके पर सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने में अब तक देरी क्यों हो रही है। उन्होंने याद दिलाया कि 9 नवंबर 2023 को उनके जन्मदिन पर इस प्रस्ताव को लाया गया था और उसी दिन नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी कि बीजेपी इसे कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

महागठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार से यह मांग की थी कि आरक्षण की सीमा को बढ़ाने के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं माना। इसके बाद कोर्ट ने 20 जून 2024 को इस प्रावधान को निरस्त कर दिया।

 

 

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.