City Post Live
NEWS 24x7

क्यों हेमंत को प्रचंड बहुमत और BJP को मिली करारी हार ?

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : झारखंड विधान सभा चुनाव का सबसे सटीक एग्जिट पूल सिटी पोस्ट लाइव ने ही किया था. अब सिटी पोस्ट झारखण्ड में बीजेपी की करारी हार का प्रमुख कारण भी बताने जा रहा है.सिटी पोस्ट लाइव के मैनेजिंग एडिटर श्रीकांत  प्रत्यूष ने चुनाव से पहले ही अपने आकलन में कहा था कि हेमंत सोरेन को जेल भेंजना बीजेपी के लिए सबसे महंगा सौदा साबित होगा.आदिवासियों में हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने को लेकर आक्रोश है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने विश्लेषण में ये भी कहा था कि हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की कोशिश बीजेपी को भारी नुकशान पहुंचा सकता है.ये बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण बन सकता है.

 

बीजेपी ने 2022 से ही हेमंत सरकार को गिराने की कोशिश शुरू कर दी थी. सबसे पहले हेमंत सोरेन के खिलाफ  माइंस आवंटन के विरुद्ध कार्रवाई हुई. कभी पत्थर तो कभी माइंस घोटाले को बहाना बनाकर हेमंत सोरेन को जांच एजेंसियों ने परेशान किया. इससे हेमंत सोरेन को नुकशान नहीं बल्कि फायदा हुआ.इतनी छोटी सी बात को लेकर जिस तरह से सीएम  हेमंत सोरेन को परेशां किया गया, उससे आदिवासियों के बीच गलत संदेश गया.आदिवासियों को लगा बीजेपी हेमंत सरकार गिराना चाहती है.हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी बीजेपी के लिए ताबूत का आखिरी किल साबित हुआ. अपने नेता की गिरफ्तारी से आदिवासी आहत हुए जिसका जबाब उन्होंने चुनाव में दे दिया.

 

इसबार झारखण्ड में जेडीयू के टिकेट पर चुनाव जीतनेवाले सरयू राय ने 6 महीने पहले सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर श्रीकांत  प्रत्यूष से ख़ास बातचीत के दौरान कहा था कि माइंस घोटाला सबसे ज्यादा बीजेपी के मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में हुआ. लेकिन रघुवर दास के खिलाफ कोई कारवाई या जांच नहीं हुई .आदिवासियों को ये लगाने लगा कि जब बीजेपी उनके नेता को जेल भेंज सकती है तो फिर एक आम आदिवासी की उसके राज्य में क्या हैसियत है.सरयू राय कहते हैं  कि जब सरकार गिराने की बात हुई तो उन्होंने बीजेपी  के नेताओं से कहा कि यह बेकार कर रहे हैं.लेकिन बीजेपी के नेता उन्हें अपना दुश्मन समझने लगे. लोगों में धारणा बन गई कि बीजेपी  किसी प्रकार हेमंत सोरेन की सरकार गिराना चाहती है. सरयू राय ने कहा कि उन्हें इसका अनुमान था कि हेमंत सोरेन सरकार बना सकते हैं.

 

हेमंत को जेल भेजने से बीजेपी को नुकशान होगा ये तो तय था लेकिन हेमंत को इतना ज्यादा फायदा चुनाव में मिल जाएगा इसका अंदाजा किसी को नहीं था. हेमंत सोरेन ने एक परिपक्व नेता की तरह जनता की नब्ज पकड़ी . बहुत आक्रामक और परिपक्वता के साथ  अपना चुनावी अभियान चलाया. हेमंत सोरेन ने जेल से आने के बाद फूंक-फूंककर कदम रखा. मंइयां सम्मान योजना का काफी प्रभाव पड़ा. महिला सशक्तीकरण की इस योजना ने हेमंत सरकार के वापसी का रास्ता साफ़ कर दिया.

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.