बिहटा एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में उतरे ग्रामीण.
ग्रामीणों ने कहा- जान दे देगें लेकिन नहीं देगें जमीन, पटना के डीएम ने की ग्रामीणों से मुलाक़ात.
सिटी पोस्ट लाइव :पटना जिले के बिहटा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण कार्य जारी है. इसके लिए अभी और अधिक जमीन की जरूरत है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं. पहले फेज में जमीन अधिग्रहण बिहार सरकार के तरफ से किया जाना है और इसको लेकर सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. लेकिन बिहटा एयरफोर्स में बने रनवे के चौड़ीकरण को लेकर रनवे के पास के गांव देवकुली, कोरहर, गोखुलपुर मठिया तक गांव के किसान काफी प्रभावित है. अब इसको लेकर गांव के तमाम किसानों ने बैठक की और निर्णय लिया गया कि जान दे देंगे लेकिन सरकार को जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि हर बार हमारा ही गांव प्रभावित हुआ है और किसान भी इससे प्रभावित हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के प्राचीन बाबा महादेव का मंदिर भी इस जमीन अधिग्रहण में जाना है, लेकिन किसानों ने साथ तौर पर कहा कि हजारों साल पुराना मंदिर है और गांव की यह पहचान है, इसलिए सरकार को और कोई विकल्प लेना होगा. दरअसल, पटना से सटे बिहटा वायु सेना सेवा केंद्र में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण होना है, ऐसे में रनवे के चौड़ीकरण को लेकर जमीन का अधिकरण का कार्य शुरू हो चुका है. बिहटा प्रखंड के शैफुद्दीनपुर गांव की भी जमीन इस अधिग्रहण में जानी है. इसके अतिरिक्त देवकुली, कोरहर, गोखुलपुर मठिया के आसपास की जमीन अधिग्रहण करने का बिहार सरकार ने फैसला लिया है. इसको लेकर गुरवार को पटना डीएम खुद जमीन का सर्वे करने पहुंचे थे.
किसानों का कहना है कि उपजाऊ जमीन को सरकार ले रही है और किसान परेशान हैं. किसानों का साफ कहना है कि तीन गांव मिलाकर करीब 500 घर हैं. कोरहर गांव के लोग कहां जाएंगे. शैफुद्दीन गांव का जिक्र करते हुए कहा कि जब 90 घर को नहीं हटाना चाहते हैं तो 500 घर को कैसे हटाएंगे. गोखुलपुर गांव के किसानों का कहना है कि हमार घर-परिवार, मंदिर सभी को शिफ्ट होना होगा. यहां करीब 300 घर की आबादी है. इस कारण हमलोग जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे. देवकुली गांव के लोगों का भी कहना है कि जान दे देंगे पर जमीन नहीं.
गौरतलब है कि इन गांव किसानों के अलावा लगभग 800 से ज्यादा घरों पर भी इसका असर पड़ने वाला है. किसानों का कहना है कि इन सभी गांवों में और गांव के लोग भी काफी प्रभावित होंगे.अगर सरकार हमारी जमीन अधिग्रहण कर लेती है तो हमारे परिवार और हम लोग कहां जाएंगे. वर्षों से यही चला आ रहा है. दादा परदादा ने एयरफोर्स में पहले भी जमीन दी है और अब नहीं दे सकते. इसके लिए जान भी चली जाए लेकिन सरकार को जमीन हम लोग नहीं देंगे.
पटना डीएम ने कहा है कि भूमि उपलब्ध कराने के लिए सभी विकल्पों का अध्ययन किया जा रहा है . सभी संभावनाओं को तालाश कर टेक्निकल टीम के जरूरतों के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा.190.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है और इसकी तालाश जिला प्रशासन कर रहा है. जिला प्रशासन की टीम ने एयरपोर्ट के बाउंड्री के पूरब तरफ शर्फुद्दीनपुर गांव और पश्चिम तरफ कोल्हर, सिकंदरपुर और देवकुली गांवों का भ्रमण किया.
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