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बिहार के 9 MP-MLA महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आरोपी.

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सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार के एक सांसद और आठ विधायकों पर महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार का आरोप है. यह दाग कमोबेश सभी राजनीतिक दलों के दामन पर लगा हुआ है. पूरे देश में 755 सांसदों व 3938 विधायकों के शपथ-पत्र के अध्ययन के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने ऐसे दागदार चेहरों को चिह्नित किया है. पूरे देश में ऐसे सांसदों-विधायकों की संख्या 151 है। उनमें से 25 बंगाल के हैं. इस संख्या के साथ बंगाल इस मामले में सर्वोपरि है. यह रिपोर्ट निर्वाचन आयोग के पास जमा शपथ-पत्र के आधार पर तैयार हुई है. इसमें महिलाओं के ऊपर एसिड अटैक, दुष्कर्म, छेड़खानी, यौन प्रताड़ना आदि गंभीर आरोप भी हैं.

 

हालांकि, बिहार के जन-प्रतिनिधियों पर महिलाओं के विरुद्ध अति गंभीर श्रेणी के ऐसे आरोप नहीं. इसका तात्पर्य यह नहीं कि वे निर्दोष हैं. इसका निर्णय तो न्यायालय को करना है, क्योंकि वे महिलाओं के विरुद्ध जिन मामलों में आरोपित हैं, उनमें सजा और जुर्माना का दोहरा प्रविधान भी है. महत्वपूर्ण यह कि बिहार में कांग्रेस को छोड़ कोई ऐसा दल नहीं, जिसके शत प्रतिशत विधायक महिलाओं के साथ सदाचारी करार दिए जाएं. राजनीति में अपराध के दूसरे आरोपों की तरह इस प्रकरण में भी राजद आगे है. दागदार पाए गए एकमात्र सांसद (सुरेंद्र यादव) उसी के हैं, जो पहली बार जहानाबाद से लोकसभा पहुंचे हैं.

 

सुरेंद्र यादव के विरुद्ध कुल सात मामले दर्ज हैं. उन पर सात आरोप गंभीर श्रेणी के अपराध (सीरियस आईपीसी) के हैं और 22 अन्य श्रेणी के. सुरेंद्र के अलावा, राजद के चार विधायक भी महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार के आरोपित हैं. उनमें पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े सुपुत्र तेजप्रताप यादव भी हैं. हसनपुर से विधायक तेजप्रताप पिछली सरकार में मंत्री हुआ करते थे.उनके विरुद्ध कुल पांच मामले दर्ज हैं. गंभीर श्रेणी तीन और अन्य नौ धाराओं में आरोप हैं. भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और भाकपा (माले) के एक-एक विधायक ने भी अपने शपथ-पत्र में महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार के मामलों में आरोपित होने का उल्लेख किया है.

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