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योगी के ‘सावन’ वाले फैसले से नीतीश और BJP आमने-सामने!

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याद है न, 2022 की सावन में ही गिर गई थी NDA सरकार

 

सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra Politics) मार्ग के दुकानदारों को दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के निर्देश को लेकर सियासत जारी है.बीजेपी  नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार, झारखंड जैसे राज्यों को भी इसे लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है. यह मामला आस्था और पवित्रता से जुड़ा हुआ है और इसे बरकरार रखना चाहिए. कांवड़ यात्रा आस्था के साथ पैदल चलकर पूरी की जाती है और भगवान शंकर को जलार्पण किया जाता है.

लेकिन  सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की तरफ से योगी सरकार के नेमप्लेट वाले फैसले पर कड़ी आपति जताई है. जेडीयू  के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने योगी सरकार के फैसले को धार्मिक विभेद पैदा करने वाला बताया है. उन्होंने तो मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश तक को वापस लेने की मांग कर दी है. उनके मुताबिक इस आदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पर बने भोजनालयों/होटलों को अपने मालिकों के नाम लिखने को कहा गया है. इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है. लोजपा रामविलास ने भी इस फैसले पर आपत्ति जता दी है. पार्टी चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तो यहां तक कह दिया है कि उनकी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ ही है. इसलिए जहां कहीं भी जाति और धर्म के विभाजन की बात होगी. वो कभी भी उसका समर्थन नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि 2022 के सावन महीने में ही सीएम नीतीश ने बीजेपी को झटका देते हुए NDA से नाता तोड़ा था और तेजस्वी यादव के साथ सरकार बनाई थी. हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल वो फिर से बीजेपी के साथ हो लिए थे. इसबार भी कई मुद्दों को लेकर जेडीयू का बीजेपी से मतभेद चल रहा है.आरक्षण को 9 वीं अनुसूची में डालने ,बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग और सरयू राय के जेडीयू के करीब आने से बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते में खटास आई है.ये खटास आगे चलकर अलग होने का बड़ा कारण बन सकता है.

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