सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा मंगलवार को जेडीयू में शामिल हो गये.पार्टी कार्यालय में दिग्गज नेताओं ललन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी की मौजूदगी में उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ली.माना जा रहा है कि संजय वर्मा आरसीपी सिंह की जगह लेगें.आरसीपी सिंह भी पूर्व IAS अधिकारी थे.वो भी मनीष वर्मा की तरह नीतीश कुमार के करीबी थे.नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में नंबर दो का पोजीशन दिया.वो केंद्र में मंत्री भी रहे.लेकिन आगे चलकर मतभेद की वजह से अलग थलग पड़ गये.
माना जा रहा है कि विधान सभा चुनाव के पहले मनीष वर्मा की राजनीति में इंट्री बहुत अहम् है.विधान सभा चुनाव में पार्टी उन्हें बड़ी भूमिका दे सकती है.उन्हें पार्टी के संगठन में राष्ट्रिय महासचिव बनाए जाने की चर्चा है.सबके जेहन में ये सवाल है-क्या मनीष वर्मा ही नीतीश कुमार के राजनीतिक उतराधिकारी बनने जा रहे हैं? क्या विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार उनके ऊपर बड़ा दांव लगाने जा रहे हैं? गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार अपने दुसरे भरोसेमंद साथी संजय झा को राज्य सभा भेजने के बाद पार्टी का राष्ट्रिय कार्यकारी अध्यक्ष बना चुके हैं.
माना जा रहा है कि ये दोनों भरोसेमंद साथी आगे चलकर नीतीश कुमार के बेटे निशांत को राजनीति में लांच कर सकते हैं.लेकिन ये तभी होगा जब खुद नीतीश कुमार राजनीति से संन्यास ले लेगें.वो राजनीति में रहते हुए अपने बेटे को राजनीति में लाकर अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लगने देगें.
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