सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पिछले 11 दिनों में 5 पुल धाराशायी हो गए. शुक्रवार को मधुबनी के भूतही नदी पर निर्माणाधीन पुल का गर्डर (बीम ) गिर गया. करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण चार वर्षों से हो रहा है. कुल 75 मीटर लंबी निर्माणाधीन पुल का 25 मीटर हिस्सा धराशायी हो गया. बताया जा रहा है कि नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरा है. बिहार में इस तरह के हादसे कई सालों से लगातार हो रहे हैं. सरकारें बदलतीं रहीं मगर पुल गिरने की घटनाएं लगातार सामने आती रहीं. चाहे जदयू-राजद की सरकार हो या जदयू-भाजपा की सरकार. जानिए, कब-कब और कहां-कहां गिरे पुल…
27 जून को (कल ही) किशनगंज जिले में एक पुल गिर गया था. बहादुरगंज प्रखंड में स्थित यह पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा था. यह पुल 2011 में कनकई नदी को महानंदा से जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी मड़िया पर बनाया गया था. नेपाल में जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण जलस्तर अचानक बढ़ने से पुल के खंभों में से एक तेज धारा का सामना नहीं कर सका और गिर गया. इससे पहले पूर्वी चंपारण, सीवान और अररिया जिलों से पुल ढहने की तीन घटनाएं सामने आईं थीं.
कुछ दिनों पहले 22 जून को सीवान जिले में एक छोटा पुल ढह गया था. इससे पहले बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 23 जून को एक निर्माणाधीन छोटा पुल ढह गया था. यह घटना मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में हुई. अमवा गांव को प्रखंड के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए राज्य के ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यूडी) द्वारा नहर पर 16 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा था. इसे 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा था. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया था कि घटना के सही कारण का पता लगाया जा रहा है. 18 जून को अररिया जिले में करीब 180 मीटर लंबा नवनिर्मित पुल ढह गया था.
22 मार्च 2024 को सुपौल में कोसी नदी पर निर्माणाधीन बकौर-भेजा घाट पुल ढह गया था. भारत माला योजना के तहत इसका निर्माण हो रहा था. 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था.बकौर-भेजा घाट पुल सामरिक नजरिए से भी बेहद अहम है. 4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी गंगा घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 अचानक गिरकर नदी में बह गए थे. पुल गिरने की घटना बिहार में सियासी बवाल खड़ा कर दिया था. पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक-दूसरे पर सवाल खड़े किए थे.19 मार्च 2023 को बिहार के सारण जिले में एक पुल गिर गया था. बताया जाता है कि यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था. बाढ़ के बाद पुल जर्जर हो गया था और कई जगहों पर दरारें आ गईं थीं. विभाग के लापरवाही के कारण यह पुल गिर गया. जर्जर पुल को लेकर विभाग की ओर से कोई चेतावनी भी जारी नहीं की गई थी.
19 फरवरी 2023 को पटना के बिहटा में सरमेरा में फोन लेन पुल गिर गया था. वहीं बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान में कमला बलान नदी के सबोहल घाट पर ओवरलोड ट्रक की चपेट में आने से पुल गिर गया था.15 मई 2023 को पूर्णिया में एक बड़ा हादसा हुआ था. यहां एक पुल का एक बॉक्स ढलाई के दौरान गिर गया था. जुलाई 2022 में बिहार के कटिहार जिले में भी एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था और पुल गिरने से 10 मजदूर घायल हो गए थे.18 नवंबर 2022 को बिहार के नालंदा जिले में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था.पुल गिरने से 1 की मौत हो गई थी. बाताया जाता है कि यह पुल घटिया निर्माण के कारण गिर गया था.
9 जून 2022 को बिहार के सहरसा में एक पुल गिरने से कई मजदूर घायल हो गए. बख्तियारपुर के कंडुमेर गांव में पुल गिरने से कई लोग दब गए थे. मजदूर पुल पर काम कर था. इसी दौरान पुल गिर गया और मजदूर मलबा में दब गया. हालांकि, बाद में उसे बचा लिया गया.पटना के फतुहा में 20 मई 2022 को अधिर बारिश के कारण एक पुल गिर गया था. यह पुल 1984 में बना था. वहीं, 30 अप्रेल 2022 को भागलपुर-खगड़िया में एक सड़क पुल गिर गया था.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज गिरे पुल पर नीतीश सरकार को घेरा है, उन्होंने एक्स पर लिखा, ” दिन के अंदर बिहार में यह वां पुल गिरा है. मधुबनी-सुपौल के बीच भूतही नदी पर वर्षों से निर्माणाधीन पुल गिरा. क्या आपको पता लगा? नहीं तो, क्यों? बूझो तो जानें?”