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बिहार आने से पहले क्यों अटका मॉनसून?

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में मॉनसून के लिए अभी लोगों को और इंतजार करना होगा. उत्तर बिहार के ज्यादातर जिलों में सुबह की शुरुआत हल्की बारिश और ठंडी हवा के झोंको से हुई. लेकिन दक्षिण बिहार में शुक्रवार की सुबह की शुरुआत गर्म हवा और उमस से हुई. राजधानी पटना में सुबह के साढ़े पांच बजे के बाद से ही लोगों को तेज उमस का अहसास हुआ. हालांकि उत्तर बिहार से आने वाली हवाओं ने थोड़ी राहत तो दी, लेकिन वो इतनी काफी नहीं थी कि लोगों को सुकून मिले.

 

बक्सर में ये हाल था कि गुरुवार को यहां बिहार में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया. गुरुवार को बक्सर में देश का सबसे ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया जो 47.2 डिग्री सेल्सियस था. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो सप्ताह के लिए अपने विस्तारित पूर्वानुमान में कहा कि इस मानसून ऋतु के पहले 12 दिनों में देशभर में हुई कुल बारिश सामान्य से चार प्रतिशत कम रही तथा उत्तर-पश्चिम भारत में 53 प्रतिशत कम बारिश हुई. वहीं दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की धीमी गति के कारण तत्काल राहत की कोई संभावना नहीं है.

 

बिहार के ज्यादातर जिलों में पारा 40 डिग्री के पार ही रहा. राजधानी पटना में गुरुवार को लू चली और यहां का पारा 41.8 डिग्री रहा. गया जिले में भी गर्मी ने लोगों को जबरदस्त हलकान किया. यहां का पारा 45.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि औरंगाबाद में अधिकतम पारा 45.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. मौसम विभाग के हिसाब से 16 जून तक लोगों को हल्की राहत मिल सकती है.

 

दक्षिण पश्चिम मॉनसून के बादल दो अलग-अलग जगहों से देश में एंट्री लेते हैं. मॉनसून की एक लाइन अरब सागर की तरफ से आती है. वो लाइन इस बार काफी मजबूत है, इसीलिए महाराष्ट्र और गुजरात समेत अरब सागर से सटे राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है.लेकिन बिहार में मॉनसून की लाइन बंगाल की खाड़ी से होते हुए आती है. मॉनसून इस दफा दूसरी साल बंगाल की खाड़ी में लेट हो गया है, ठिठक गया है. इसी वजह से बिहार और झारखंड में लोग गर्मी से हलकान हैं. मौसम विभाग के मुताबिक 19 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी वाला मॉनसून जोर पकड़ सकता है. इसके बाद ही इसके बिहार में आने की संभावना है. कुल मिलाकर यूं समझिए कि राहत के लिए बिहार और खासकर दक्षिणी हिस्सों (पटना, गया, आरा, बक्सर आदि) को अभी थोड़ा और इंतजार करना ही पड़ेगा.

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