सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में अवैध गर्भपात का धंधा शुरू से कमाई का सबसे बड़ा जरिया रहा है.अब सरकार इसपर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा संशोधित अधिनियम मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी के बिहार सरकार ने 18 मेडिकल बोर्ड गठित कर इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है. सरकार ने नवगठित बोर्ड को गर्भपात की अनुमति देने का अधिकार भी प्रदान किया है. बोर्ड गर्भवती महिला को निर्धारित मापदंड के आधार पर गर्भपात की अनुमति प्रदान कर सकेंगे.
यदि किसी महिला के कोख में पलने वाला बच्चा गंभीर किस्म के शारीरिक या मानसिक रोग से ग्रस्त है या फिर दिव्यांग है और महिला को ऐसी जानकारी टेस्ट से मिली है तो वह गर्भपात के लिए आवेदन कर सकती है.महिला गर्भावस्था में वैवाहिक संबंध टूटने पर या विधवा होने की अवस्था में भी गर्भपात के लिए बोर्ड की अनुमति लेकर गर्भपात करा सकती है. नए कानून में महिलाओं को गर्भपात को लेकर कई प्रकार के वैधानिक अधिकार प्रदान किए गए हैं.
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