सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सरकारी स्कूलों में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों की शामत आई हुई है.सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के खिलाफ केके पाठक की कारवाई लगातार जारी है.उनके आदेश पर दोषी और लापरवाह शिक्षकों का वेतन बंद करने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई हो रही है. इस बार पटना जिले के डीईओ अमित कुमार ने जिले के 35 स्कूलों के प्राचार्यों के वेतन पर रोक लगा दी है.
सभी प्राचार्यों पर आरोप है कि उन्होंने सफाई मद में पैसा रहने के बावजूद साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखा. मामले की पोल तब खुली जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन सभी स्कूलों का औंचक निरीक्षण किया. इस निरीक्षण में स्कूल के शौचालय से लेकर कैंपस और क्लास रूम में साफ सफाई नहीं थी. इसके बाद सभी से डीईओ ने पहले स्पष्टीकरण का जवाब मांगा लेकिन जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर अब सभी का वेतन बंद करने का फैसला लिया गया है. डीईओ के अनुसार इन सभी स्कूलों को बतौर कंपोजिट ग्रांट के लिए 50 हजार और 25 हजार दिए गए थे, बावजूद स्कूल प्रशासन ने एक भी रुपए खर्च नहीं किए और साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखा गया.
उच्च माध्यमिक विद्यालय हद यादपुर, बख्तियारपुर, साइंटिफिक हाई स्कूल कदमकुआं, बीएसएस माध्यमिक विद्यालय बिहटा, उच्च माध्यमिक विद्यालय विक्रम, उच्च माध्यमिक विद्यालय महजपुरा, केदारनाथ बालिका उच्च विद्यालय गर्दनीबाग समेत 15 स्कूल शामिल हैं. हाल के दिनों में शिक्षा सुधार अभियान के तहत स्कूलों का लगातार निरीक्षण जारी है और ना सिर्फ बच्चों की उपस्थिति देखी जा रही है बल्कि पठन-पाठन से लेकर स्कूल की टाइमिंग की भी जांच चल रही है और गड़बड़ी और लापरवाही पाए जाने पर सीधी तरह से कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई से शिक्षकों के बीच हड़कंप की स्थिति बनी है.
Comments are closed.