सिटी पोस्ट लाइव : बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राजधानी के पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते प्रदुषण को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है.कोयले से संचालित होने वाली फैक्ट्रियों में अब ईंधन के रूप में नेचुरल गैस का उपयोग करने का आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर फैक्ट्री बंद कर देने की हिदायत दी है.पर्षद की ओर से कुल 11 फैक्ट्रियों की पहचान की गई हैं, जहां वर्तमान में ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग हो रहा है. उन्हें तीन माह के अंदर तकनीक में बदलाव कर गैस का उपयोग शुरू कर देना है. ऐसा नहीं करने पर यूनिट को बंद करने का निर्देश जारी कर दिया जाएगा.
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला का कहना है कि राज्य में प्रदूषण की मात्रा फिर बढ़ने लगी है. जाड़े के दिनों में राजधानी के वातावरण में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो जाती है. इसलिए बोर्ड इस वर्ष पहले से ही सावधानी बरत रहा है.वायु प्रदूषण के मद्देनजर ही पर्षद ने पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र 11 फैक्ट्रियों की तकनीक में बदलाव करने का निर्देश दिया है. इन फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में कोयला का उपयोग करने से प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि देखी जा रही है.
पर्षद ने सड़कों पर पड़े धूलकण भी साफ करने के लिए निगम एवं जिला प्रशासन को निर्देश दिया है. डीजल से चलाए जाने वाले बस एवं आटो को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है.निर्माण कार्यों पर भी होगा नियंत्रण बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के विज्ञानियों का कहना है कि राजधानी में हो रहे निर्माण कार्य से भी वायु प्रदूषण में वृद्धि देखी जा रही है. इसलिए पर्षद ने निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि हरित चादर से ढंककर ही कोई निर्माण कार्य किया जाए. धूलकण न उड़े, इसलिए वहां पर समय-समय पर पानी का छिड़काव होता रहे.
Comments are closed.