I.N.D.I.A गठबंधन में कई मुद्दों पर नहीं बन पा रही बात.
I.N.D.I.A गठबंधन में कई मुद्दों पर नहीं बन पा रही बात.
सिटी पोस्ट लाइव :विपक्षी गठबंधन कुछ महीनों की कवायद के बावजूद सबी दलों के बीच एकजुट होकर लड़ने का भाव नहीं पैदा कर पाया है .अभी भी इन दलों के बीच गंभीर अंतर्विरोध बने हुए हैं. I.N.D.I.A गठबंधन कई मुद्दों पर गठबंधन सामूहिकता का संदेश देने में विफल रहा है. सबसे बड़ी बात यह कि शुरू के दिनों में BJP के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का जो भाव दिखाया गया था, वह कमजोर पड़ता हुआ दिख रहा है.
मुंबई में I.N.D.I.A की मीटिंग होने के बाद तेजी से फैसले लेने की बात कही गई, लेकिन असल में हुआ ठीक उलटा. मुंबई मीटिंग के बाद कहा गया कि अलायंस की अगली मीटिंग भोपाल में होगी, जहां I.N.D.I.A गठबंधन की एक बड़ी रैली भी होगी. लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कह दिया कि रैली स्थगित हो गई है. I.N.D.I.A की ओर से इस बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई. सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ और उनके कुछ करीबी नेता भोपाल में गठबंधन की रैली कर विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव नहीं बनाना चाहते थे. अभी तक गठबंधन की मीटिंग या रैली की नई तारीख सामने नहीं आई है.
मुंबई में I.N.D.I.A गठबंधन ने अलग-अलग कमिटी बनाने का भी एलान किया. लेकिन उन कमिटियों की भी खास सक्रियता नजर नहीं आ रही. एक दिन कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग जरूर हुई लेकिन उसमें कुछ ठोस नहीं निकला. गठबंधन के अंदर नेताओं का आपसी अंर्तविरोध खुलकर सामने आ रहा है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन राज्य की सीएम ममता बनर्जी पर आक्रामक रूप से हमलावर हैं. पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तल्खी दिनोदिन बढ़ती जा रही है. ममता बनर्जी गठबंधन में वामपंथी दलों की मौजूदगी और उनके योगदान पर लगातार सवाल उठा रही हैं.
जिन राज्यों में गठबंधन के दलों में साथ चुनाव लड़ने को लेकर स्पष्टता है, वहां भी सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बिहार हो या महाराष्ठ्र, सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं हुई है. अखिलेश यादव भले ही I.N.D.I.A की हर मीटिंग में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ शीट शेयरिंग को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है. किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा अभी इस पर भी कोई सामूहिक फैसला नहीं हुआ है.
गठबंधन के नेता मानते हैं कि चुनौती बेहद तगड़ी है. हालांकि कांग्रेस खेमा I.N.D.I.A गठबंधन में सुस्ती की बात को खारिज करता है. उसके नेता दावा कर रहे हैं कि सबकुछ सही तरीके से आगे बढ़ रहा है. सीट शेयरिंग की बात आगे क्यों नहीं बढ़ पा रही है, इस पर उनके नेताओं का तर्क है कि एक-दो राज्यों में ही दिक्कत है और उसे भी समय रहते सुलझा लिया जाएगा. हालांकि यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस सीट शेयरिंग का मुद्दा साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव तक टाल कर रखना चाहती है. पार्टी को उम्मीद है कि चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से अधिक सीटों को लेकर उसका दावा कहीं मजबूत होगा. लेकिन कुछ क्षेत्रीय दलों की आशंका है कि अधिक देरी से गठबंधन बेपटरी न हो जाए.
दरअसल, I.N.D.I.A गठबंधन की एकजुटता बने रहने को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही हैं, उसकी वजह विपक्षी दलों का पिछला रेकॉर्ड है. 2019 में आम चुनाव से पहले भी ऐसी ही एकजुटता की गंभीर कोशिश हुई थी. तब TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू और BRS नेता KCR ने विपक्ष को एकजुट करने की पहल की थी. लेकिन उस वक्त BJP के पक्ष में आए एकतरफा चुनाव परिणाम ने चुनाव बाद इनके एकजुट होने की संभावनाओं को खारिज कर दिया. आज ये दोनों नेता I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा तक नहीं हैं.
उधर, I.N.D.I.A गठबंधन के सामने आने के बाद NDA भी अपना कुनबा बढ़ाने की मंशा दिखा रहा है.तमिलनाडु में AIADMK का BJP से अलग हो जाना उसके लिए भी बड़ा झटका है. वैसे, कहा जा रहा है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस साझेदारी को बचाना चाहता है. कहा तो यह भी गया कि तमिलनाडु प्रदेश BJP की लीडरशिप के कारण यह साझेदारी टूटी और इसे लेकर शीर्ष नेतृत्व राज्य इकाई से नाराज है. बहरहाल, 2024 से पहले एक बार फिर गठबंधन की राजनीति की वापसी होती दिख रही है और माना जा रहा है कि तमाम राज्यों के छोटे-बड़े दलों की हिस्सेदारी जिस गठबंधन के पास होगी, उसे लाभ मिल सकता है.
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