सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को लगभग एक महीने के लिए राहत मिल गई है.उनकी रिहाई को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस में कोर्ट 3 नवंबर को सुनवाई करेगा. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो पाई. यह याचिका गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से दायर की गई है.
उमा कृष्णैया की याचिका में आरोप लगाया गया है कि आनंद mohan की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए पूर्व व्यापी प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया. साल 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) जी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, इस मामले मे आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा मिली थी. इससे पहले, आनंद मोहन की रिहाई को लेकर अगस्त में बिहार सरकार ने जवाब दिया था.
पूर्व सांसद को 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जी. कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.इससे पहले अगस्त में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूर्व सांसद की रिहाई पर जवाब मांगा था. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जेल मैनुअल में संशोधन के बाद सजा पाने वाले कितने दोषियों को पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ इस साल अप्रैल में रिहा किया गया, इस पर जवाब देते हुए बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया कि आनंद मोहन सहित 97 दोषियों को सजा में छूट देकर जेल से रिहा किया गया था.