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लालू यादव पर रेलवे की नौकरी के लिए 7 डील करने का आरोप.

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सिटी पोस्ट लाइव : लालू परिवार संकट में है.आईआरसीटीसी घोटाले में सीबीआई ने पुरे लालू परिवार को लपेटे में ले लिया है.इस  केस में आज मंगलवार से सुनवाई शुरू हो रही है.रेल मंत्री रहते जमीन के बदले रेलवे में सरकारी नौकरी देने के आरोप में राउज एवेन्यू कोर्ट में बहस होगी. इसमें लालू यादव के अलावा बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती समेत अन्य के खिलाफ सीबीआई की ओर से दलील रखी जाएगी.

 

सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे की नौकरी देने के लिए कुल सात डील की है. CBI ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी. यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी को  बेच दी.इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई.दूसरी डील  फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय के साथ हुई. राय  ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी. संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई.

 

तीसरे डील में पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी. इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई. फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय के साथ चौथी डील हुई. हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी. हजारी राय के 2 भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई.

 

पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी. CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी.इसी तरह से  बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फुट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेच दी. हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई. 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया.CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं. साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था.

 

सातवें डील विशुन देव रायके साथ ने मार्च 2008 में हुई. उन्होंने अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी. ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई. इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया.इस तरह से कुल सात डील में लालू यादव, राबडी देबी, मिसा भारती समेत तेजस्वी यादव फंस गये.इस मामले में तेजस्वी यादव अभी बेल पर हैं.

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