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45 फीसदी कम हुई बारिश’,’बिहार में सूखे का संकट.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सामान्य से 45 फीसदी कम वर्षा होने की वजह से सूखे का संकट पैदा हो गया है. धान की रोपनी मात्र 49 फीसदी हो पाई है.मौसम विभाग के अनुसार  अगस्त महीने में बारिश होने की संभावना है. कृषि मंत्री सर्वजीत ने माना  कि जलवायु परिवर्तन की वजह से स्थिति अच्छी नहीं है.उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन की स्थितियां सामने आई है. कृषि मंत्री ने कहा कि इस बार भी समय से पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हो पाने के कारण सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है.

 

कृषि मंत्री ने कहा कि  अभी तक सामान्य रूप से 442.3 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन मात्र 242.2 मिली मीटर ही वर्षा हो पाई है. यानी सामान्य से 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. कम पानी होने से धान की रोपनी प्रभावित हुई है. इस वर्ष धान का आच्छादन 35,97,595 हेक्टेयर में किया जाना है, लेकिन 17,69,688 हेक्टेयर धान की रोपनी हुई है। जो लक्ष्य का मात्र 49.19 प्रतिशत है.इस वर्ष मक्का का आच्छादन लक्ष्य 3,31,367 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जिसके एवज में अभी तक 273087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुआई की गई है.पिछले वर्ष इस अवधि तक 30 प्रतिशत धान की रोपनी और 33.7 प्रतिशत मक्के की बुआई हुई थी. धान के बिचड़ों और रोपे गए धान, मक्का आदि की फसल को सूखे से बचाने और खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाए, इसके लिए सरकार ने डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया है. सरकार ने डीजल पर भी अनुदान देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है.

 

कृषि मंत्री के अनुसार  अभी तक डीजल अनुदान के लिए कुल 13,901 किसानों का आवेदन विभाग को प्राप्त हो चुका है. उन्होंने बताया है कि डीजल पम्प सेट से सिंचाई करने के लिए डीजल पर 75 रुपए प्रति लीटर की दर से 750 रुपए प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जायेगा.उन्होंने कहा कि धान का बिचड़ा और जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रुपए प्रति एकड़ देय होगा. खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रुपए प्रति एकड़ देय होगा. यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा. कुल पांच सिंचाई के लिए 3,750 रुपए प्रति एकड़ प्रति किसान देय होगा, यानी एक किसान को कुल मिलाकर 30 हजार रुपए तक की सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी. यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को दिया जाएगा.

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