कल है गुरु पूर्णिमा, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त.

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सिटी पोस्ट लाइव :कल गुरु पूर्णिमा है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा पर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 02 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 21 मिनट पर होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन 03 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा. हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है.

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पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार गुरु वेद व्‍यासजी को भगवान विष्‍णु का अंश माना गया है इसलिए गुरु पूर्णिमा पर उनकी पूजा की जाती है .उनके रूप माने जाने वाले सत्‍यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है.विष्‍णु पुराण में भी यह बताया गया है कि पूर्णिमा तिथि भगवान विष्‍णु की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ तिथियों में से एक है. कहा जाता है कि अगर आपके घर में काफी समय से आर्थिक तंगी चल रही है या फिर कारोबार में सफलता नहीं मिल रही है, तो प्रत्‍येक पूर्णिमा पर सत्‍यनारायण भगवान की कथा सुनने से विशेष लाभ होता है. आपके घर में धन की वृद्धि होगी.

विदिशा के आचार्य लखन प्रसाद शास्त्री के अनुसार  विद्यार्थी गुरुकुल में अध्ययन करने के बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजन करने उन्हे गुरु दक्षिणा दिया करते थें. गुरु और शिष्य का बड़ा मजबूत संबंध रहता है. शिष्यों को सन्मार्ग पर लाने के लिए गुरु अथक प्रयास करते है.आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन आप जिनसे भी गुरु दीक्षा लिए हैं, उन गुरु के समीप जाकर उनके चरण में नमस्कार करके उनके अमृत्व वचनों को सुनकर अपने जीवन में उन वचनों का पालन करें. गुरु का आशीर्वाद लें. इस दिन पूर्णिमा तिथि दिनभर व्याप्त है.

प्रातःकाल 7:30 से 9:30 और 10:30 से 12:15 तक गुरुपुजन का शुभ मुहूर्त है.गुरु दोष से मुक्ति पाने के लिए गुरुपौर्णिमा के दिन प्रधान गुरु भगवान नारायण के सानिध्य में जाकर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. जिन्हें आप गुरु मानते हैं, जो सत्यवादी रहे, निष्ठावान रहे, गुरु के समीप जाकर उनका सेवा करने से गुरु दोष से मुक्ति मिलती है.

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