चपरासी के बचाव में आये CM, निलंबित कर्मचारी के तबादले को रोका.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्योग विभाग के फोर्थ ग्रेड के सरकारी कर्मचारी ( चपरासी) रवि कुमार के साथ खड़े नजार आये.इस चपरासी को उद्योग विभाग के सचिव ने केवल इसलिए  सस्पेंड कर दिया था क्योंकि उसने  विभाग के सचिव के सामने फोन पर बात करने की गुस्ताखी की थी. सचिव साहब चपरासी से इतने नाराज हो गये  कि उन्होंने कर्मचारी को पटना से सीधे बिहार की सीमा पर स्थित किशनगंज भेज दिया.

लेकिन अब इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने रोक लगा दी है. सामान्य प्रशासन विभाग सीएम नीतीश के अंदर आता है. विभाग की ओर से आदेश की कॉपी विभाग, विभागाध्यक्ष, डीएम, कमीशनर, आयोग को भेजी है.आदेश में कहा गया है कि चूंकि चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी अल्प वेतन भोगी हैं. इन लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण करने से काफी असुविधा होती है. नए स्थान पर इनके सामने आवास की भी कठिन समस्या आ जाती है. इन लोगों को विशेष प्रशासनिक कारणों को छोड़कर जैसे पद समाप्त होने पर आदि पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण नहीं किया जाए.

यदि वे सचिवालय में कार्यरत हैं तो वे सचिवालय में ही काम करेंगे. यही स्थिति विभिन्न अनुमंडल तथा प्रखंड में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों पर भी लागू होगी. लेकिन, स्वास्थ्य अथवा मनोवांछित आधार पर स्थानान्तरण की कार्रवाई उनके आवेदन पर की जा सकेगी.रवि कुमार फोन पर बात करते हुए ऑफिस की सीढ़ियों से उतर रहे थे. इसी दौरान विभाग के सचिव संदीप पौंडरिक वहां से गुजर रहे थे. रवि कुमार ने सचिव को देखकर भी फोन नहीं काटा और वो फोन पर बात करता हुआ सीढ़ियों से उतर गया. इस गुस्ताखी के लिए उसे 17 मई को बकायदा आदेश निकाल कर सस्पेंड कर दिया गया.

चपरासी के स्थानान्तरण को रोक दिये जाने को लेकर विभाग में ही नहीं बल्कि पुरे सचिवालय में ये चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री ने एक IAS अधिकारी की जगह एक चपरासी का साथ देकर ये साबित कर दिया है कि उनकी नगर हर विभाग छोटी बड़ी गतिविधियों पर भी बनी रहती है.इस चपरासी ने तो सपने में भी नहीं सोंचा था कि उसकी अब कोई मदद कर पायेगा.अपनी शिकायत लेकर सीएम तक जाने की बात तो वो सपने में भी नहीं सोंच सकता था.

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