कोर्ट में गिड़गिड़ाने लगे लालू के साले साधू यादव.
जज के सामने हाथ जोड़कर कहा- पहला अपराध है जज साहब, माफ कर दीजिए',आगे से ऐसा नहीं होगा.
सिटी पोस्ट लाइव :RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद के हाई-प्रोफाइल साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव शुक्रवार को गोपालगंज में एसीजेएम-1 मानवेंद्र मिश्र की एमपी-एमएलए कोर्ट में जज के सामने माफ़ी मंगाते नजर आये. आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के तीन साल पुराने मामले में पूर्व सांसद ने कोर्ट में सरेंडर किया था.माफ़ी मांगने के वावजूद पूर्व सांसद को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया और इस मामले में ₹1000 का जुर्माना लगाया.
पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव ने अदालत में गुहार लगाते हुए कहा ‘आदर्श आचार संहिता का यह पहला अपराध है, भविष्य में इस तरह के किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. आगे हमेशा कानून और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.’ अदालत ने पूर्व सांसद की दलीलों को सुनने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत ₹1000 का अर्थदंड लगाया. इसके बाद पूर्व सांसद के तरफ से जुर्माना राशि जमा कराया गया और फिर उन्हें अदालत ने नियमित जमानत देते हुए बरी कर दिया.
गौरतलब है कि 16 अक्तूबर 2020 को विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी साधु यादव पर बिना अनुमति के जुलूस हजियापुर से निकाल कर मौनिया चौक की ओर ले जाया गया. पूरे शहर में नारेबाजी की गयी. नगर थाने में सदर प्रखंड के सीओ विजय सिंह के द्वारा आदर्श आचार संहित उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसी मामले में कोर्ट से समन जारी किया था.कोर्ट से समन जारी होने के बाद गुरुवार को उसके बाद पूर्व सांसद अपने अधिवक्ता मुस्ताक आजम के साथ कोर्ट में हाजिर होकर जमानत की अपील की. इसके बाद शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई और पूर्व सांसद को अदालत ने जुर्माना लगाया.
अभियोजन पदाधिकारी आनंद शंकर शर्मा ने जमानत का विरोध किया. अभियोजन पदाधिकारी के विरोध व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सशर्त जमानत को मंजूर किया. साधु यादव के सरेंडर करने के दौरान उनके समर्थकों की भीड़ लगी रही. मुखिया रामाज्ञा यादव, प्रमोद सिंह समेत दर्जनों प्रमुख लोग कोर्ट में मौजूद थे.
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