पूर्णिया में एयरपोर्ट सेवा शुरू करने की कवायद शुरू.

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सिटी पोस्ट लाइव : पूर्णिया में बहुत जल्द हवाई सेवा शुरू होनेवाली है.पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 30 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नागरिक विमानन मंत्रालय के उन सभी शर्तों को स्वीकार कर लिया है. जिससे पूर्णिया एयरपोर्ट से नागरिक विमान सेवा आरम्भ हो सके. इसके तहत न केवल 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने की सहमति दी गई है, बल्कि पूर्णिया हवाई अड्डा पर सिविल इन्क्लेव के निर्माण के लिए एएआई और राज्य सरकार के बीच एमओयू की स्वीकृति भी दे दी गई है.

सांसद ने केंद्रीय केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने द्वारा लिखे गए दो पत्रों और उनके द्वारा दिए गए जवाब का हवाला देते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि बिहार सरकार द्वारा मंत्रिपरिषद की बैठक में एयरपोर्ट के बाबत लिए गए निर्णय के आलोक में पूर्णिया वासियों की चिर-प्रतीक्षित मांगों को पूरा करने के लिए बिना बिलम्ब कवायद आरम्भ किया जाय. राज्य सरकार अपना वादा पूरा कर चुकी है, अब वादा पूरा करने की जिम्मेवारी केंद्र सरकार की है.

गौरतलब है कि सांसद संतोष कुशवाहा द्वारा 22 दिसंबर 22 को लिखे पत्र के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने लिखा था कि विमान सेवा आरम्भ करने के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त 15 एकड़ जमीन उपलब्ध कराना होगा और एनएच कनेक्टिविटी के लिए भी ठोस आश्वासन देना होगा. वहीं 16 मार्च 23 के पत्र के जवाब में 29 मार्च को केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि बिहार सरकार ने पूर्णिया हवाई अड्डा को उड़ान 05 में शामिल करने का अनुरोध किया है जो विचाराधीन है. जवाब में केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने तीन महीने के अंदर डीपीआर तैयार करवाकर सिविल इन्क्लेव का निर्माण आरम्भ कराने पर सहमति जताते हुए उड़ान-05 में बोली लगाने की प्रक्रिया आरम्भ करने का भी आश्वासन दिया है.

सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि अगर निर्धारित समय सीमा में केंद्रीय मंत्री के आश्वासन को मूर्त रूप नहीं दिया गया तो एयरपोर्ट की निर्णायक लड़ाई पूर्णिया की सड़कों पर लड़ी जाएगी. कहा कि हम काम करने में यकीं करते हैं, खबरों में बने रहना हमारी प्राथमिकता नहीं है. पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए वे लगातार सदन के पटल पर आवाज उठाते रहे.

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