ऋतुराज सिन्हा .
सिटी पोस्ट लाइव : देश के प्रधानमंत्री हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करते हैं. तभी नौ साल में भ्रष्टाचार मुक्त भारत की तस्वीर सामने है. रिपोर्ट कार्ड ऐसा होता है- बिहार में 9 साल में 1.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ, 8.71 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिला, 5.38 करोड़ जनधन खाता धारक बने, 81 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला…वगैरह-वगैरह.
दरअसल, 16 मई 2014 को जब देश ने नरेंद्र भाई मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाया, तभी यह तय हो गया कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ होकर रहेगा. प्रधानमंत्री ने युवाओं की जरूरतों को समझा. नौकरियों के आवेदन को ऑनलाइन करने, ग्रुप-C और ग्रुप-D के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू खत्म करने से लेकर डॉक्युमेंट सेल्फ अटेस्टेड करने के फैसले का दूरगामी असर यह है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद की आशंका समाप्त हो गई है. देश में करीब 9 करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना की मदद से स्टार्टअप में ऊर्जा झोंकी और आत्मनिर्भर बनने के साथ ही रोजगार प्रदान करने लायक भी बने. बिहार में भी ऐसी सक्सेस स्टोरीज सामने आती रहती हैं.
किसी देश की प्रगति का पैमाना उसकी जीडीपी होता है. जब कुर्सी मिली थी तब देश की जीडीपी 112 लाख करोड़ रुपए के आसपास थी, आज 232 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. कोरोना की इतनी बड़ी मार के बावजूद भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. और अब प्रधानमंत्री ने 2025 तक भारत की जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. 2014 के पहले आम आदमी की सालाना आय औसतन 80 हजार रुपए थी, अब डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा है. विदेशी मुद्रा का भंडार उस समय के मुकाबले ढाई गुना है.जल जीवन मिशन के तहत मोदी सरकार ने 2024 तक घर-घर स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. इस योजना पर काम तेजी से हो रहा है. आयुष्मान भारत तो मील का पत्थर साबित हुआ. इसके तहत 5 लाख रुपए तक का नकदी-रहित इलाज हो रहा है. मोदी सरकार ने आज आतंकियों की कमर तोड़ दी है। जी 20 तक में भारत का डंका बज रहा है.
प्रधानमंत्री जब भी बिहार आए, यहां की आम आदमी की जरूरतों को समझा. नौ साल में इतना कुछ किया कि गिनाना असंभव है. केंद्र सरकार ने बिहार को 20000 करोड़ की सौगात दी है, जिससे 500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में विकसित किया जाएगा. जेपी सेतु तो मिला ही, अब इसके समानांतर छह लेन का पुल बनेगा. 3147 करोड़ रुपए से दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड बनाने जा रही है, जिसके बाद पटना से लोग 2 घंटे में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर पहुंच जाएंगे.जनता समझती है। जनता देख रही है कि बिहार में किस तेजी से केंद्र सरकार काम कर रही है। जहां भी जरूरत नजर आती है या जिस इलाके से जायज मांग उठती है, वहां हरी झंडी देने में केंद्र सरकार देरी नहीं कर रही.