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नई शिक्षा नियमावली के खिलाफ आंदोलन करेंगे शिक्षक.

1.78 लाख वैकेंसी से टीचर नाराज..BPSC से भर्ती का विरोध, ; पहले विधायकों का घेराव, फिर विधानसभा का

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नई शिक्षा नियमावली और बीपीएससी से होने वाली शिक्षक भर्ती प्रकिया को लेकर शिक्षक गुस्से में हैं.पटना हाईकोर्ट द्वारा जातीय जनगणना पर रोक लगाने के बाद जनगणना के कार्य से मुक्त हुए शिक्षकों ने अपना  आंदोलन तेज कर दिया है. पटना के IMA हॉल में शिक्षकों का महासम्मेलन आयोजन किया गया.इस बैठक में  पहले विधायकों को घेराव करने और उसके बाद  विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया गया.इस सम्मेलन में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला. शिक्षकों ने नीतीश-तेजस्वी को चेतावनी दी कि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो समय आने पर बता देंगे.

जाति गणना के कार्य में शिक्षकों के लग जाने से  शिक्षकों के आंदोलन में नरमी आ गई थी. लेकिन गणना पर हाईकोर्ट के रोक के बाद शिक्षकों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. यह लड़ाई नियोजित शिक्षकों और राज्य सरकार की है. इस आंदोलन को महागठबंधन की पार्टी भाकपा माले का समर्थन प्राप्त है.मंच पर अलग-अलग शिक्षक संघों के नेता और माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के साथ पाली से माले विधायक संदीप सौरभ भी थे. शिक्षक संघों ने संदीप सौरभ को बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा का संरक्षक बनाया है.

शिक्षकों का सम्मेलन, संघर्ष मोर्चा के आंदोलन का पहला चरण नहीं है. इससे पहले धरना, प्रदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मेमोरेंडम देने और सार्वजनिक रुप से नई शिक्षक नियमावली में संशोधन की मांग शिक्षक कर चुके हैं.अब  20 से 31 मई तक सूबे के सभी जिलों में शिक्षक कन्वेंशन किया जाएगा. जुलाई के प्रथम सप्ताह में विधानसभा के समक्ष घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन होगा. फिर भी मांगे नहीं मानी गई तो शिक्षक महाहड़ताल करेंगे.

विधान सभा चुनाव में महागठबंधन की सरकार को शिक्षकों का पूरा समर्थन मिला था. तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि समान शिक्षा, समान वेतन दिया जाएगा. साथ ही शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. लेकिन, अब उनकी सरकार बीपीएससी से परीक्षा लेने की बात कर रही है.ऐसे में शिक्षकों के बीच नीतीश-तेजस्वी सरकार के खिलाफ बहुत गुस्सा है.वो सरकार  से अब नफरत करने लगे हैं.उन्होंने अगले चुनाव में तेजस्वी यादव को सबक सिखा देने की चेतावनी भी दी है.शिक्षाओं के आक्रोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार को चोर और बेईमान कहते नजर आये.

शिक्षक नेता राजू सिंह ने मंच से कहा कि स्नातक ग्रेड की सीट 1 हजार 7 सौ 45 सीट है. पूरे बिहार में 2 करोड़ 63 लाख बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं जिसमें से 98 लाख 80 हजार बच्चे 6 से 8 क्लास में पढ़ते हैं. शिक्षा का अधिकार कानून कहता है कि 35 छात्रों पर एक शिक्षक हो. इस हिसाब से 2 लाख 85 हजार स्नातक ग्रेड के पदों पर बहाली होनी चाहिए.इसमें से आज तक जो बहाली हो चुकी है वह 50 हजार है. 2 लाख 85 हजार में से 50 हजार को घटा देते हैं तब भी कम से कम स्नातक ग्रेड में दो लाख शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए. लेकिन सरकार ने पदों की चोरी कर ली है.माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि महागठबंधन के घोषणा पत्र से तेजस्वी यादव मुकर रहे हैं.

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