इफ्तार की सियासी दावतों पर उपेन्द्र कुशवाहा का निशाना.
किया ट्वीट और कहा- जले पर नमक छिड़कने जैसे हैं ये आयोजन, जश्न नहीं मरहम की है जरूरत.
सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तंज कसा है. रालोजद प्रमुख प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सियासी इफ्तार की दावतों को जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा बताया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इफ्तार की दावत दी थी. इसके बाद, राजद की अगुवा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की इफ्तार पार्टी में सरकार के तमाम मंत्रियों के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और जाप के संरक्षक पप्पू यादव शामिल हुए थे.
बिहार में जारी दावत-ए-इफ्तार को लेकर रालोजद प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विट कर कहा है कि रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है. इफ्तार पार्टी का दौर शुरू हो गया है. मुझे भी कुछ प्रमुख जगहों से निमंत्रण मिला है. पार्टी के कई साथियों ने रालोजद की ओर से इफ्तार पार्टी के आयोजन की सलाह मुझे भी दी है. उन्होंने आगे लिखा है कि मेरी समझ से सासाराम, बिहार शरीफ आदि शहरों के वर्तमान हालात के मद्देनजर इफ्तार के नाम पर समारोह नहीं, बल्कि रोजेदारों की सहुलियत के प्रति गंभीर होना चाहिए, क्योंकि फिलहाल जश्न नहीं जख्म पर मरहम की जरूरत है. शायद समारोह जले पर नमक छिड़कने जैसा न हो जाए.
रालोजद के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राहुल कुमार का कहना है कि बिहार में इफ्तार की दावतों के जरिए एक ख़ास वर्ग को लुभाने की जो कोशिश हो रही है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. जब नालंदा और सासाराम दंगे की आग में जल रहा हो तो कोई हुक्मरान और उपमुख्यमंत्री पीड़ितों के आंसू पोंछने की जगह दावत कैसे उड़ा सकता है? उनका कहना है कि अभी सौहार्द कैसे बने इस पर फोकस की जरुरत है, लेकिन बिहार के मुखिया अपनी जिम्मेदारियों से मुख मोड़ कर पीड़ितों के साथ छलावा कर रहे हैं. कुछ दरबारी अल्पसंख्यकों को छोड़कर समाज से आने वाले बहुत बड़े वर्ग को ये सब जले पर नमक छिड़कने जैसा लग रहा होगा.
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